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Tuesday, August 9, 2022

ITR E-Verification to Be Done Within 30 Days

 


ITR E-Verification to Be Done Within 30 Days

आईटीआर भरने की डेडलाइन (ITR deadline) खत्म हो चुकी है। लेकिन टैक्सपेयर्स के लिए केवल आईटीआर भरना ही काफी नहीं है। आईटीआर भरने के बाद इसका वेरिफिकेशन कराना भी जरूरी है। इसके बिना फाइलिंग की प्रॉसेस तब तक पूरी नहीं मानी जाती है। इनकम टैक्स विभाग ने इस बारे में अहम नोटिफिकेशन जारी किया है।

असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए आईटीआर भरने की डेडलाइन (ITR deadline) खत्म हो चुकी है। इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक रात 11 बजे तक कुल 5.78 करोड़ टैक्सपेयर्स (Income Taxpayers) ने अपना आईटीआर दाखिल कर दिया था। लेकिन टैक्सपेयर्स के लिए केवल आईटीआर भरना ही काफी नहीं है। आईटीआर भरने के बाद इसका वेरिफिकेशन कराना भी जरूरी है। इसके बिना फाइलिंग की प्रॉसेस तब तक पूरी नहीं मानी जाती है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने कहा कि आईटीआर वेरिफिकेशन (ITR-V) की अवधि कम करके 30 दिन कर दी है। सीबीडीटी ने एक नोटिफिकेशन में यह जानकारी दी। यह व्यवस्था एक अगस्त, 2022 से लागू हो गई है। यानी अगर आपने 31 जुलाई तक आईटीआर भर दिया है तो आपको वेरिफिकेशन के लिए 120 दिन मिलेंगे। लेकिन डेडलाइन के बाद आईटीआर भरने की स्थिति में आपको इसके लिए 30 दिन ही मिलेंगे।

इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अगर इस नोटिफिकेशन के लागू होने के बाद आईटीआर भरा जाता है तो 30 दिन के भीतर आईटीआर वेरिफिकेशन सबमिट करना होगा। यानी आईटीआर भरने के दिन से 30 दिन के भीतर इसका वेरिफिकेशन जरूरी है। अगर कोई टैक्सपेयर 30 दिन की अवधि के बाद आईटीआर वेरिफिकेशन सबमिट करता है तो इसे नहीं माना जाएगा। ऐसी स्थिति में यह मान लिया जाएगा कि संबंधित टेक्सपेयर ने कभी रिटर्न नहीं भरा। यह टैक्सपेयर की जिम्मेदारी होगी कि वह फिर से डेटा ट्रांसमिट करे और 30 दिन के भीतर आईटीआर वेरिफेकिशन सबमिट करे।

किस पर लागू होगी व्यवस्था

नोटिफिकेशन में साथ ही साफ किया गया है कि अगर आईटीआर डेटा इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसफर किया जाता है और इसके 30 दिन के भीतर आईटीआर-वेरिफिकेशन सबमिट किया जाता है तो ऐसी स्थिति में डेटा ट्रांसमिट करने की तारीख रिटर्न भरने की डेट मानी जाएगी। विभाग ने साफ किया है कि जिन मामलों में इस नोटिफिकेशन के प्रभाव में आने से पहले रिटर्न भरा जा चुका है, वहां 120 दिन की व्यवस्था लागू रहेगी। जिन मामलों में आईटीआर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भरा जाता है लेकिन वेरिफिकेशन 30 दिन की अवधि के बाद सबमिट किया जाता है, उन मामलों में -वेरिफिकेशन की डेट रिटर्न भरने की डेट मानी जाएगी और लेट फाइलिंग के नियम लागू होंगे।

अगर आईटीआर वेरिफिकेशन तय समय के बाद सबमिट किया जाता है तो यह माना जाएगा कि इसके लिए आईटीआर सबमिट नहीं किया गया। टैक्स विभाग इसे प्रोसेस नहीं करेगा। टैक्सपेयर को फिर से यह डेटा सबमिट करना होगा और 30 दिन के भीतर आईटीआर वेरिफिकेशन सबमिट करना होगा। नेट बैंकिंग, आधार ओटीपी, बैंक अकाउंट, एटीएम, डीमैट अकाउंट और ऑफलाइन तरीकों से आप आईटीआर-वेरिफिकेशन कर सकते हैं।

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