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Tuesday, July 19, 2022

GST Rates Hike : Latest Updates

 


GST Rates Hike : Latest Updates

महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की मुश्किलें  और बढ़ गई हैं। कई चीजों पर आज से जीएसटी (GST) चुकाना होगा। इनमें घर-घर में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें शामिल हैं। इन पर पहले जीएसटी की दर जीरो थे। जीएसटी काउंसिल (GST Council) की हाल में चंडीगढ़ में हुई बैठक में कई चीजों पर जीएसटी लगाने का फैसला किया गया था। साथ ही कई चीजों पर जीएसटी की दर बढ़ा दी गई है। ये दरें 18 जुलाई यानी आज से लागू हो गई हैं। जीएसटी काउंसिल के फैसले लागू होने के बाद आज से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं। इन पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी) देना होगा। इस तरह 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा। इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है। अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है।

आपको बता दें जीएसटी की नई दरें 18 जुलाई से लागू हो गई हैं तो आप जान लें कि कौन-कौन सी सर्विसेज और प्रोडक्ट्स पर आपको ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे.

कौन से सामान रहेंगे जीएसटी मुक्त?

एटलस सहित मानचित्र और चार्ट पर 12 फीसदी शुल्क लगेगा. इसके आलावा अनपैक्ड, अनलेबल और अनब्रांडेड सामान जीएसटी से मुक्त रहेगा.

जानें क्या हुआ महंगा?

महंगा

कितना (जीएसटी)        

दही, लस्सी, पनीर, शहद, अनाज, मांस और मछली

5%

अस्पताल में 5,000 रुपये (गैर-आईसीयू) से अधिक किराये वाले कमरे

5%

होटल के 1,000 रुपये प्रति दिन से कम किराये वाले कमरे

12%

टेट्रा पैक

18%

प्रिंटिंग/राइटिंग या ड्रॉइंग इंक, एलईडी लाइट्स, एलईडी लैम्प

18%

मैप, एटलस और ग्लोब

12 %

ब्लेड, चाकू, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स

18 %

आटा चक्की, दाल मशीन  

18 %

अनाज छंटाई मशीन, डेयरी मशीन, फल-कृषि उत्पाद छंटाई मशीन

18 %

मिट्टी से जुड़े उत्पाद

12%

चिट फंड सेवा, Bank Cheque

18%

पानी के पंप, साइकिल पंप, सर्किट बोर्ड

18 %

क्या हुआ सस्ता?

सस्ता

  पहले (जीएसटी)         

अब(जीएसटी)      

रोपवे के जरिये यात्रियों और सामान लेकर आना जाना

18%

5%

स्प्लिंट्स और अन्य फ्रैक्चर उपकरण

12%

 5%

शरीर के कृत्र्मि अंग, बॉडी इंप्लाट्स, इंट्रा ओक्यूलर लेंस

12%  

5%

ईंधन लागत वाला माल ढुलाई  

18%   

12%

डिफेंस फोर्सेज आयातित खास वस्तु     

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Thursday, July 14, 2022

All about TDS Payment due Dates and Interest on Late Payment


All about TDS Payment due Dates and Interest on Late Payment

TDS is the amount of tax which is deducted by the employer or deductor from the taxpayer and is deposited to the Income Tax Department on behalf of him/her. The TDS rates are set on the basis of the age bracket and income of different individuals.

TDS or Tax Deducted at Source is a specific amount that is reduced when a certain payment like salary, commission, rent, interest, professional fees, etc. is made. The person who makes the payment deducts tax at the source, while the person who receives a payment/income has the liability to pay tax. It lowers tax evasion because the tax will be collected at the time of making a payment.

TDS Payment Due Date

Month

Due Date

April

7th May

May

7th June

June

7th July

July

7th August

August

7th September

September

7th October

October

7th November

November

7th December

December

7th January

January

7th February

February

7th March

March

30th April

 The due date for payment in case of TDS on sale of immovable property under section 194IA and TDS from rent by Individual or HUF under section 194IB is 30 days from the end of the month. For eg – TDS deducted on 15th June 2022 is required to paid on or before 30th July 2022.

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Thursday, July 7, 2022

Deduction to be given to a salaried employee in the Income Tax Act


Deduction to be given to a Salaried Employee in the Income Tax Act

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार भारत में किसी भी पर्सन को प्राप्त सैलरी पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जायेगा, यदि उसकी total income टैक्सेबल लिमिट से अधिक है।

आपकी टैक्सेबल इनकम तब मानी जायेगी, जब एक फाइनेंसियल ईयर में आपकी टोटल इनकम 2 लाख 50 हजार से अधिक होती है। टोटल इनकम में आपकी सैलरी, किराये की इनकम, कैपिटल गेन, बिज़नेस या प्रोफेशन और अन्य तरह की सभी इनकम को जोड़ा जायेगा।

अगर आपकी सिर्फ सैलरी से इनकम होती है और यह 2 लाख 50 हजार से कम है , तो आपकी सैलरी टैक्सेबल नहीं होगी, लेकिन यह 2 लाख 50 हजार से अधिक है, तो आपको सैलरी इनकम पर टैक्स देना होगा।

हालाँकि, आपके द्धारा सेक्शन 87A में टैक्स की छूट क्लेम की जा सकती है, यदि आपकी total इनकम 5 लाख से कम होती है। (इसके बारे में आप इनकम टैक्स की लायबिलिटी में टैक्स रिबेट कब दी जाती है section 87A  देख सकते है )

टैक्सेबल सैलरी को निकालने के लिए सबसे पहले आपको यह जानना जरुरी है, कि आपके द्धारा किस प्रकार की डिडक्शन को सैलरी इनकम में से क्लेम किया जा सकता है।

आज के आर्टिकल (deduction from salary ) में हम इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार सैलरी इनकम में से मिलने वाली डिडक्शन के बारे में चर्चा करेंगे।

Deduction from salary – section 16 of income tax act 1961

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 16 में सैलरी इनकम पर दी जाने वाली डिडक्शन के बारे में बताया गया है।

एक सैलरीड पर्सन को सबसे पहले अपनी सैलरी इनकम कोincome from salary headमें रिपोर्ट करना होता  है। इसके बाद Gross Salary में से section 16 की डिडक्शन को क्लेम किया जाता है। डिडक्शन को क्लेम करने के बाद आने वाली सैलरी पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है।

इनकम टैक्स एक्ट के section 16 में दी जाने वाली डिडक्शन

Standard Deduction – section [16(1a)]

Entertainment Allowance – section [16(ii)]

Professional Tax – सेक्शन [16(iii)]

इन सभी के बारे में हम आगे डिटेल्स से चर्चा करेंगे।

सैलरी इनकम में से दी जाने वाली स्टैण्डर्ड डिडक्शन – standard deduction

स्टैण्डर्ड डिडक्शन एक फ्लैट डिडक्शन होती है, जो कि सैलरीड एम्प्लाइज को उनकी सैलरी इनकम पर दी जाती है। एम्प्लोयी द्धारा स्टैण्डर्ड डिडक्शन अधिकतम 50 हजार तक की क्लेम की जा सकती है।

जैसे – अगर आपकी सैलरी इनकम 4 लाख है, तो इसमें 50 हजार की स्टैण्डर्ड डिडक्शन क्लेम करने के बाद आपकी टैक्सेबल सैलरी 3 लाख 50 हजार की रह जाएगी।

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