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Friday, April 29, 2022

Important Interview Tips for Freshers


 Important Interview Tips for Freshers

क्या आपको इंटरव्यू से डर लगता हैं?

क्या आप इंटरव्यू में बोलते बोलते अटक जाते हैं?

क्या आप इंटरव्यू में इंग्लिश में क्या बोलना हैं सोचते ही रहते हैं??

क्या आपको इंटरव्यू में रिजेक्शक का सामना करना पड़ता हैं?

आपके इन सभी सवालों के जवाब …..

इंटरव्यू में पूछे जाने वाले अहम सवाल

पहला जॉब इंटरव्यू आपके करियर का जितना अहम पड़ाव होता है, उतना ही चुनौतीपर्ण भी। इंटरव्यू के दौरान कुछ सवाल पूछे जाते हैं, जिनके जवाब यह तय करते हैं की आप इंटरव्यू में सफ़ल हो पाते हैं या नहीं और आपको कितना पैकेज मिलेगा। आइए देखते हैं एचआर राउंड के इंटरव्यू में पूछे जाने वाले कुछ सवाल और जानिए कैसे दे सकते हैं उनका सही जवाब।

अपने बारे में बताइए 

यह लगभग हर इंटरव्यू में पूछा जाने वाला पहला सवाल है जिसके माध्यम से इंटरव्यूअर आपके विषय में वह बातें जानना चाहते हैं जो अक्सर आपके सीवी में नहीं होती।

आपने यह करियर क्यों चुना? 

यह फ्रेशर्स से पूछा जाने वाला एक अहम सवाल है जिसके ज़रिए एचआर यह जानना चाहता है की आप जिस रोल या फील्ड के लिए इंटरव्यू देने आए हैं उसमे आप वास्तव में कितनी रूचि रखते हैं और उसके बारे कितना जानते हैं।

आपका ड्रीम जॉब क्या है? 

यह फ्रेशर्स से पूछा जाने वाला एक दिलचस्प सवाल है जिसके जवाब में आप इंटरव्यूअर को अपने जॉब गोल्स और वह चीज़े बता सकते हैं जो आपको उस जॉब के लिए इंस्पॉयर करती हैं।

आप वर्क से रिलेटेड स्ट्रेस और प्रेशर को कैसे डील करते हैं?

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Monday, April 25, 2022

 


What is Letter of Intimation Notice u/s 143(1) in Income Tax?

कभी-कभी, इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद, सेक्शन 143(1) के तहत, नोटिस आ जाता है। इसे  Letter of Intimation u/s 143(1) भी कहते हैं? ये एक सामान्य नोटिस होता है, जो आपके रिटर्न को चेक करने के बाद, इनकम टैक्स विभाग की ओर से भेजा जाता है। लेकिन, सामान्य टैक्सपेयर के लिए, कोई भी नोटिस दिमाग में बड़ी चिंता पैदा कर देता है। इस लेख में हम जानेंगे कि  सेक्शन 143(1) के तहत नोटिस क्या होता है? इसे क्यों भेजा जाता है? और अगर आपके पास ऐसा नोटिस आता है तो क्या करना चाहिए?

intimation u/s 143(1) क्या है, क्यों आता है?

intimate का मतलब होता है-सूचित करना, अवगत कराना या बताना।

कोई भी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल होने के बाद, टैक्स विभाग के पास पहुंचता है। वहां सबसे पहले इसकी Processing (चेकिंग/मिलान वगैरह) होती है। यह प्रक्रिया बंगलुरु स्थित, Centralized Processing Center (CPC) में होती है। पूरी प्रक्रिया कंम्प्यूटर आधारित (online) होती है। किसी व्यक्ति का हस्तक्षेप (human interference) इसमें नहीं होता।

चेकिंग का जो भी परिणाम होता है, उसकी सूचना (intimation) आपके E mail पर एक नोटिस के माध्यम से दी जाती है। इसे भेजने का नियम का उल्लेख, इनकम टैक्स एक्ट के Section 143(1) में किया गया है। इसीलिए इस नोटिस को intimation under section 143(1) कहते हैं।

CPC में Processing की प्रक्रिया, में आपके रिटर्न में दिखाए गए details को क्रॉस चेक किया जाता है। जैसे कि-

Income and addition: आपकी आमदनियाें की रकम ठीक से दर्ज है कि नहीं, और उनका जोड़ सही है कि नहीं

Data accuracy: किसी एक कैटेगरी की आमदनी, दूसरे कैटेगरी की आमदनी के तहत तो दर्ज नहीं है

Tax deductions: टैक्स छूट वाले निवेश या खर्चों के संबंध में अपलोड किए गए दस्तावेज ठीक हैं कि नहीं

TDS and Tax payment: टीडीएस संबंधित tax credit claim, और आपके Form 26AS से मिलान करते हैं कि नहीं

loss adjsutment: आपकी ओर से दर्शाए गए loss (नुकसान) के समायोजन (set off) या carry forward में गड़बड़ी तो नहीं

Return की प्रोसेसिंग में, आपकी ओर से दिए गए सभी डिटेल का मिलान, income tax department के पास मौजूद details से होता है। इनकम टैक्स विभाग के पास ये डीटेल, form 26AS, form 16, टीडीएस रिटर्न वगैरह के माध्यम से पहुंचते हैं। उनसे मिलान के आधार पर, तय होता है कि-आप पर किसी तरह का tax या interest की देनदारी निकल रही है। या फिर आपने जो ज्यादा टैक्स जमा किया है, उसे लौटाया (refund) जाना है।

अलग-अलग रिटर्न के मामले में, इसके result अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे कि-

No demand, No Refund: आपने अपने रिटर्न में जो डिटेल्स (income details, deductions claimed, tax calculations वगैरह) दिए हैं, वे इनकम टैक्स विभाग के रिकॉर्ड और गणना से मेल खाते हैं। आपको न कुछ अलग से चुकाना है और न ही आपको कुछ वापस मिलेगा। ऐसे इंटिमेशन नोटिस में taxes payable और refundable, दोनों के सामने 0 (शून्य) दिखेगा।

Additional tax demand: आपने अपने रिटर्न में कुछ गलती की है और वास्तविक टैक्स देनदारी से कम टैक्स चुकाया है। या तो कोई इनकम दर्ज नहीं की है। या फिर कोई टैक्स छूट (deduction) ज्यादा क्लेम कर ली है। या फिर टैक्स की गणना में गलती की है। ऐसे में, आप पर कुछ देनदारी (टैक्स/ब्याज/पेनाल्टी की) निकलेगी।  नोटिस के अंत में आपसे tax demand की जाती है।............................

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Tuesday, April 12, 2022

GST Activation in Tally Prime


 GST Activation in Tally Prime

अगर हम टैली के जानकर है और टैली में कार्य करना चाहते है तो हमें टैली में gst का ज्ञान होना अति अवश्यक है तो अब हम टैली में Tally Prme GST Entry के बारे मे जानते है, टैली में GST यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स जुलाई 2019 के बाद से जोड़ा गया है gst आपको टैली लेटेस्ट वर्शन tally prime में देखने को मिल जायेगा.

GST Activation – Tally Prime

GST Activationसबसे पहले हमें GST को activate करना है, Tally के Latest Version Tally Prime में कंपनी Create ही हमें हमारे GST Details की जानकारी भरना होता है, इस लिए बाद में और GST को Activate करने Require नही है. फिर जाहे तो Tally Prime में GST activate करने के लिए F11 Press करें.




















Tally Prime GST Entry – tally में gst की entry करने लिए हमें इन चरणों का पालन करना होगा

 सबसे पहले आप gateway of tally पर जाये.

F11 features पर जाये.

Company features में जाकर Statutory andTaxation विकल्प को सेलेक्ट करें.

Statutory and Taxation में जाने के बाद आपको इसका डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा.

डायलॉग बॉक्स में Enable Goods and Service Tax को yes करें.

उसके बाद set / alter gst details को yes करें.

yes करते ही आपको इस तरह से स्क्रीन दिखाई देगा जिसमे हमें सम्पूर्ण जानकरी भरना होगा जैसे state, GST number, period of gst इत्यादी .


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Monday, April 4, 2022

All about GST? What is GST?

GST क्या है? –

GST को हिंदी में वस्तु एवं सेवा कर के नाम से जाना जाता है, GST का fullform Goods and Service Tax है, यह indirect Tax है. जो भारत सरकार द्वारा लिया जाता है, यह भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 में लागू किया गया है . यह अन्य टैक्स जैसे उत्पाद कर, विक्रय कर, वैट एवं अन्य लगभग 50 से अधिक करो को मिलाकर जीएसटी का निर्माण किया गया है जिससे की टैक्स को सरल किया जा सके. इस GST काउंसिल द्वारा मैनेज किया जाता है जिसमे वित्त मंत्री की अगुवाई में पुरे काउंसिल कार्य करता है.

GST को एक राष्ट्र एक कर भी कहा जाता है.

GST – One Tax One Nation

GST की दरे / GST Raes

5%

12%

18%

28%

Types of GST

जीएसटी को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया गया है

SGST – State Goods and Service Tax

CGST – Central Goods and Service Tax

IGST – Integrated Goods and Service Tax

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