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Monday, April 25, 2022

 


What is Letter of Intimation Notice u/s 143(1) in Income Tax?

कभी-कभी, इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद, सेक्शन 143(1) के तहत, नोटिस आ जाता है। इसे  Letter of Intimation u/s 143(1) भी कहते हैं? ये एक सामान्य नोटिस होता है, जो आपके रिटर्न को चेक करने के बाद, इनकम टैक्स विभाग की ओर से भेजा जाता है। लेकिन, सामान्य टैक्सपेयर के लिए, कोई भी नोटिस दिमाग में बड़ी चिंता पैदा कर देता है। इस लेख में हम जानेंगे कि  सेक्शन 143(1) के तहत नोटिस क्या होता है? इसे क्यों भेजा जाता है? और अगर आपके पास ऐसा नोटिस आता है तो क्या करना चाहिए?

intimation u/s 143(1) क्या है, क्यों आता है?

intimate का मतलब होता है-सूचित करना, अवगत कराना या बताना।

कोई भी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल होने के बाद, टैक्स विभाग के पास पहुंचता है। वहां सबसे पहले इसकी Processing (चेकिंग/मिलान वगैरह) होती है। यह प्रक्रिया बंगलुरु स्थित, Centralized Processing Center (CPC) में होती है। पूरी प्रक्रिया कंम्प्यूटर आधारित (online) होती है। किसी व्यक्ति का हस्तक्षेप (human interference) इसमें नहीं होता।

चेकिंग का जो भी परिणाम होता है, उसकी सूचना (intimation) आपके E mail पर एक नोटिस के माध्यम से दी जाती है। इसे भेजने का नियम का उल्लेख, इनकम टैक्स एक्ट के Section 143(1) में किया गया है। इसीलिए इस नोटिस को intimation under section 143(1) कहते हैं।

CPC में Processing की प्रक्रिया, में आपके रिटर्न में दिखाए गए details को क्रॉस चेक किया जाता है। जैसे कि-

Income and addition: आपकी आमदनियाें की रकम ठीक से दर्ज है कि नहीं, और उनका जोड़ सही है कि नहीं

Data accuracy: किसी एक कैटेगरी की आमदनी, दूसरे कैटेगरी की आमदनी के तहत तो दर्ज नहीं है

Tax deductions: टैक्स छूट वाले निवेश या खर्चों के संबंध में अपलोड किए गए दस्तावेज ठीक हैं कि नहीं

TDS and Tax payment: टीडीएस संबंधित tax credit claim, और आपके Form 26AS से मिलान करते हैं कि नहीं

loss adjsutment: आपकी ओर से दर्शाए गए loss (नुकसान) के समायोजन (set off) या carry forward में गड़बड़ी तो नहीं

Return की प्रोसेसिंग में, आपकी ओर से दिए गए सभी डिटेल का मिलान, income tax department के पास मौजूद details से होता है। इनकम टैक्स विभाग के पास ये डीटेल, form 26AS, form 16, टीडीएस रिटर्न वगैरह के माध्यम से पहुंचते हैं। उनसे मिलान के आधार पर, तय होता है कि-आप पर किसी तरह का tax या interest की देनदारी निकल रही है। या फिर आपने जो ज्यादा टैक्स जमा किया है, उसे लौटाया (refund) जाना है।

अलग-अलग रिटर्न के मामले में, इसके result अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे कि-

No demand, No Refund: आपने अपने रिटर्न में जो डिटेल्स (income details, deductions claimed, tax calculations वगैरह) दिए हैं, वे इनकम टैक्स विभाग के रिकॉर्ड और गणना से मेल खाते हैं। आपको न कुछ अलग से चुकाना है और न ही आपको कुछ वापस मिलेगा। ऐसे इंटिमेशन नोटिस में taxes payable और refundable, दोनों के सामने 0 (शून्य) दिखेगा।

Additional tax demand: आपने अपने रिटर्न में कुछ गलती की है और वास्तविक टैक्स देनदारी से कम टैक्स चुकाया है। या तो कोई इनकम दर्ज नहीं की है। या फिर कोई टैक्स छूट (deduction) ज्यादा क्लेम कर ली है। या फिर टैक्स की गणना में गलती की है। ऐसे में, आप पर कुछ देनदारी (टैक्स/ब्याज/पेनाल्टी की) निकलेगी।  नोटिस के अंत में आपसे tax demand की जाती है।............................

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