My Blog List

Thursday, July 7, 2022

Deduction to be given to a salaried employee in the Income Tax Act


Deduction to be given to a Salaried Employee in the Income Tax Act

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार भारत में किसी भी पर्सन को प्राप्त सैलरी पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जायेगा, यदि उसकी total income टैक्सेबल लिमिट से अधिक है।

आपकी टैक्सेबल इनकम तब मानी जायेगी, जब एक फाइनेंसियल ईयर में आपकी टोटल इनकम 2 लाख 50 हजार से अधिक होती है। टोटल इनकम में आपकी सैलरी, किराये की इनकम, कैपिटल गेन, बिज़नेस या प्रोफेशन और अन्य तरह की सभी इनकम को जोड़ा जायेगा।

अगर आपकी सिर्फ सैलरी से इनकम होती है और यह 2 लाख 50 हजार से कम है , तो आपकी सैलरी टैक्सेबल नहीं होगी, लेकिन यह 2 लाख 50 हजार से अधिक है, तो आपको सैलरी इनकम पर टैक्स देना होगा।

हालाँकि, आपके द्धारा सेक्शन 87A में टैक्स की छूट क्लेम की जा सकती है, यदि आपकी total इनकम 5 लाख से कम होती है। (इसके बारे में आप इनकम टैक्स की लायबिलिटी में टैक्स रिबेट कब दी जाती है section 87A  देख सकते है )

टैक्सेबल सैलरी को निकालने के लिए सबसे पहले आपको यह जानना जरुरी है, कि आपके द्धारा किस प्रकार की डिडक्शन को सैलरी इनकम में से क्लेम किया जा सकता है।

आज के आर्टिकल (deduction from salary ) में हम इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार सैलरी इनकम में से मिलने वाली डिडक्शन के बारे में चर्चा करेंगे।

Deduction from salary – section 16 of income tax act 1961

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 16 में सैलरी इनकम पर दी जाने वाली डिडक्शन के बारे में बताया गया है।

एक सैलरीड पर्सन को सबसे पहले अपनी सैलरी इनकम कोincome from salary headमें रिपोर्ट करना होता  है। इसके बाद Gross Salary में से section 16 की डिडक्शन को क्लेम किया जाता है। डिडक्शन को क्लेम करने के बाद आने वाली सैलरी पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है।

इनकम टैक्स एक्ट के section 16 में दी जाने वाली डिडक्शन

Standard Deduction – section [16(1a)]

Entertainment Allowance – section [16(ii)]

Professional Tax – सेक्शन [16(iii)]

इन सभी के बारे में हम आगे डिटेल्स से चर्चा करेंगे।

सैलरी इनकम में से दी जाने वाली स्टैण्डर्ड डिडक्शन – standard deduction

स्टैण्डर्ड डिडक्शन एक फ्लैट डिडक्शन होती है, जो कि सैलरीड एम्प्लाइज को उनकी सैलरी इनकम पर दी जाती है। एम्प्लोयी द्धारा स्टैण्डर्ड डिडक्शन अधिकतम 50 हजार तक की क्लेम की जा सकती है।

जैसे – अगर आपकी सैलरी इनकम 4 लाख है, तो इसमें 50 हजार की स्टैण्डर्ड डिडक्शन क्लेम करने के बाद आपकी टैक्सेबल सैलरी 3 लाख 50 हजार की रह जाएगी।

READ MORE........


No comments:

Post a Comment